पन्ना:जिस प्रकार चुनावी साल धीरे धीरे नजदीक आ रहा है, वैसे ही नेताओं के द्वारा अपना रवैया बदलासा नजर आ रहा है, तथा चुनावी साल मे नेताओं का आम जनता के प्रति झूठा प्रेम उमडने लगा है, तथा चाय की गुमटीयों मे बैठकर नेतागण मेल मिलाप करने लगें है। जबकी चार साल तक आम जनता से उन्हे कोई लेना देना नही था। उदाहरण के तौर पर गत दिवस स्थानीय गांधी चौराहा पर जिले के सासंद, प्रभारी मंत्री तथा अन्य नेताओं ने एक होटल टपरानुमा मे बैठकर चाय की चुस्किया लेते हुए आम लोगो से मेल मिलाप करने का बहाना निकाला लेकिन आम लोगो का मानना है कि चुनावी साल के चलते इस प्रकार से नेताओं द्वारा अपना रवैया बदल जाता है तथा जनता के प्रति हमदर्दी दिखाई जाती है। जहां एक ओर जिले के लोगो को नेताओं द्वारा सिर्फ झूठे आश्वासन दिये जाते है, हकीकत मे कुछ और होता है। कई वर्षाे से जिले के लोगो द्वारा मेडिकल कालेज, कृषी महाविद्यालय, इन्जीनिरिंग कालेज, डायमंड पार्क सहित अनेक प्रकार की मांगे की गई।
जिनकी तत्काल घोषणा भी हुई है एवं स्वीकृति सहित अन्य औपचारिकताए भी पूरी होना बताया गया। लेकिन जमीनी हकीकत मे किसी भी महत्वपूर्ण योजना मे अमली-जामा नही पहुंचाया गया है। सिर्फ कोरे आस्वासन ही साबित हो रहें है। डायमंड म्यूजियम बनाने के लिए एक पुराने भवन पर कई लाख रूपये खर्च किये गये उसके बाद उसका स्थान बदल दिया गया और आज तक उस पर कोई कार्य नही हुआ है, इसी प्रकार जिला चिकित्सालय की स्थिती भी बदतर है, चिकित्सको की भारी कमी है सरकार द्वारा कुछ महीनो पूर्व कल्दा जिले के लिए एक दर्जन चिकित्सको की पदस्थापना शासन स्तर से की गई थी लेकिन यह दुर्भाग्य है कि एक भी चिकित्सक द्वारा पन्ना जिला चिकित्सालय मे अपनी उपस्थिती दर्ज नही कराई गई है।
पूर्व मे पदस्थ रहे सिविल सर्जन डॉक्टर एल के तिवारी जरूर जिला चिकित्सालय से स्थानान्तरण करा कर चले गये है। इस प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र मे किसी प्रकार का कोई फायदा नही हुआ, सिर्फ नुकसान ही हुआ है। जिला चिकित्सालय मे सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद कोई भी आपरेटर चलाने वाला नही हैं, जिसके चलते आम लोगो को सात सौ रूपये देकर निजी सोनो ग्राफी सेन्टर से जांच करानी पड़ती है, यही हाल डायलेशेस युनिट का है, पन्ना जिले मे अनेक बडे़ नेता होने के बाबजूद विकास के क्षेत्र मे कोई बड़ा लाभ नजर नही आ रहा है, जिले मे अवैध उत्खनन, योजनाओं मे भ्रष्टाचार, तथा आम लोगो की समस्याओं को कोई सुननें वाला नही है। सिर्फ कोरी ब्यान बाजी करके विकास की बाते सुनाई जाती है। सत्ताधारी दल के अलावा विपक्ष की भूमिका भी कमजोर है जिससे जिले की स्थिती अच्छी नजर नही आती है।