परिषद् की बैठक में पार्षदों ने पूछा सवाल, कार्यपालन यंत्री के जबाव से संतुष्ट नहीं दिखे पार्षद,सवालों के घेरे में ननि के अधिकारी
सिंगरौली: नगर पालिक निगम सिंगरौली के तहखाने की तिजोरी से 5 करोड़ की बैंक गारंटी चोरी हो गयी है। यह और कोई नहीं बल्कि कार्यपालन यंत्री आज परिषद्र की बैठक में जबाव दे रहे थे। परिषद् की बैठक में सिवरेज कार्य में परफार्मेस जमा राशि के संबंध में सवाल पूछा था।गौरतलब हो कि नगर पालिक निगम सिंगरौली में करीब 120 करोड़ की लागत से सिवरेज का कार्य कराया जा रहा है। करीब 32 प्रतिशत ही केके स्पन कंपनी कार्य कर पायी। काम के प्रगति धीमी एवं गुणवत्ताविहीन होने के कारण केके स्पन्ज कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया। इसके पूर्व कचनी में कार्य के दौरान दम घुटने से श्रमिकों की मौत हो गयी थी। जिसको लेकर कंपनी एवं ननि के अधिकारियों की किरकिरी भी हुई थी। इस दौरान भाजपा के जिम्मेदार नेताओं ने आश्वस्त किया था कि सिवरेज की कार्य करने वाली कंपनी को टर्मिनेट कराया जायेगा।
साथ ही तत्कालीन कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने भी उक्त घटना पर अफसोस जताते हुए कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का पूर्ण भरोसा दिया था। इसी कारण कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया था। वहीं सबसे बड़ा आरोप है कि कंपनी को टर्मिनेट करने के करीब डेढ़ साल पहले ही वर्ष 2020 सितम्बर, अक्टूबर महीने में केके स्पन कंपनी को 5 करोड़ रूपये का बैंक गारंटी ननि के अधिकारियों ने दरियादिली दिखाते हुए रिटर्न कर दिया था। इस तरह का आरोप लगाया जा रहा है। उस दौरान उक्त घटना को लेकर तत्कालीन निगमायुक्त आरपी सिंह काफी चिंतित थे और सवाल उठाने वाले मीडिया कर्मी से बार-बार सूत्र पूछ रहे थे। साथ ही उन्होंने मामले को दबाने के लिए भी प्रयास किये थे। लेकिन तत्कालीन आयुक्त की नवभारत के सामने दाल नहीं गली और लगातार उक्त मामले को नवभारत उठाता रहा। आज मंगलवार को परिषद की बैठक में पार्षदों ने सिवरेज ठेकेदार के डिपॉजिट मनी के संबंध में जानकारी मांगा तो प्रभारी कार्यपालन यंत्री सिविल व्हीपी उपाध्याय ने हैरान करने वाला जबाव दिया। उन्होंने बताया कि केके स्पंज कंपनी का साढ़े 7 करोड़ रूपये जप्त है। एक बैंक गारंटी चोरी-चोरी, गुप-चुप तरीके से गायब हो गयी। इनका अजीबो गरीब बयान से पार्षद पहले ठहाके लगाये और उन्हीं के सवालों में घेर लिया। कार्यपालन यंत्री इस मामले में गोलमाल जबाव देते रहे।
बैंक गारंटी राशि लौटाने में हुआ था लंबा खेल
सूत्र बता रहे हैं कि केके स्पंज कंपनी की 5 करोड़ की बैंक गारंटी राशि लौटाने में बड़ा खेला हुआ था। इसमें लाखों रूपये की कमीशनखोरी हुई थी। सवाल उठाया जा रहा है कि यह बैंक गारंटी रकम उस वक्त लौटायी गयी थी जब कार्य तकरीबन 25 प्रतिशत हुआ था। वर्ष 2020 सितम्बर, अक्टूबर महीने में खेला हुआ था। ननि में ही चर्चाएं हैं कि तत्कालीन आयुक्त आरपी सिंह ने डिपॉजिट मनी लौटाने के लिए हरी झण्डी दिया था। हालांकि उनका निधन हो गया है। किन्तु संविदा कंपनी को बैंक गारंटी रकम लौटाने में बड़ी भूमिका निभायी थी। अब भले ही यह कहा जा रहा है कि यह बैंक गारंटी चोरी हो गयी। इसको लेकर ननि के अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ गये हैं।