जबलपुर: क्राइम ब्रांच एवं पनागर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए तेंदुए की खाल के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर गोपाल खाण्डेल ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच एवं पनागर पुलिस की संयुक्त टीम ने बम्हनौदा चौराहा सिहोरा रोड एन एच 30 पनागर में नाकाबंदी की। कुछ देर बाद सिहोरा तरफ से मुखबिर के बताये अनुसार एक बुलेरो क्रमाक एमपी 20 सीएच 4891 एवं वैन क्रमांक एमपी 20 बी ए 6569 आती दिखी, पुलिस को देखकर दोनों वाहन चालक तेजी से भागने लगे, जिन्हें घेराबंदी कर रोका गया, नाम पता पूछने पर बुलेरो चालक ने अपना नाम प्रतीक चौबे पिता संतोष चौबे 33 वर्ष निवासी ग्राम मटामर थाना खमरिया एवं वैन चालक ने अपना नाम शंकर पटेैल पिता मथुरा प्रसाद पटैल 50 वर्ष निवासी ग्राम झगरा थाना कटंगी बताया, प्रतीक चौबे बुलेरो में अपने बाजू में एक मटमैले रंग का बैग रखे था। दोनों को सूचना से अवगत कराकर तलाशी लेने पर एक तेंदुए की खाल, 2 मोबाईल, नगद 7 हजार रूपये एवं 1 बुलेरो एवं 1 वैन जप्त की गई। तेंदुए की खाल की माप करने पर लम्बाई 29 इंच एवं मध्य से चौड़ाई 22 इंच पायी गई, चारों पैर, पूंछ, सिर का अवशेष नहीं था।
3 हजार में खरीदी थी खाल
उक्त तेंदुए की खाल के संबंध में पूछताछ पर आरोपी प्रतीक चौबे ने तेंदुए की खाल ग्राम जमुनिया थाना कुण्डम के विश्राम ंिसह गोंड़ से 3 हजार रूपये में खरीदना बताते हुये बताया कि शंकर पटैल ने उसे बताया था कि तेंदुए की खाल का एक खरीददार मिला है जो अच्छा पैसा देगा, खजरी खिरिया वायपास चलना है।
सुअरों को मारने लगे फंदे में फंस गया था तेंदुआ
प्रतीक चौबे के बतायेनुसार कुण्डम अंतर्गत जमुनिया में दबिश देते हुये आरोपी विश्राम सिंह गोंड़ ठाकुर 55 वर्ष निवासी जमुनिया थाना कुण्डम को अभिरक्षा में लेकर खाल के सम्बंध में पूछताछ की गई तो विश्राम सिंह ने बताया कि 2 माह पूर्व अपनी खेत की फसल सुअरों से बचाने के लिये तार का फंदा लगाया था जिसमें जंगली जानवर तेंदुआ फसकर मर गया था।
खाल उतारकर, पंजा, सिर, नाखून कुत्तों को खिला दिया
विश्राम सिंह ने बताया कि तेंदुआ की खाल उतारकर पंजा सिर एवं नाखून काटकर कुत्ते को खिला दिया था, एवं फंदे का तार को निकालकर नाले में फैंक दिया था तथा खाल को सुखाकर रखे हुये था। लगभग 30-40 दिन बाद यह बात मटामर के पंडित जी प्रतीक चौबे जो उसके यहॉ आते जाते हैं बतायी थी, प्रतीक चौबे ने उससे तेंदुए की खाल को 3 हजार रूपये में खरीद लिया था, जिसमें से एक हजार रूपये खर्च हो गये एवं 2 हजार रूपये घर में रखे चावल वाले मटके में रख दिए थे।