चिकित्सा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंप की मांग
नवभारत न्यूज
भोपाल, 16 सितंबर. राजधानी भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में फिजियोथेरेपी कोर्स शुरू करने की मांग तेज हो गई है. राजधानी सहित प्रदेश भर के फिजियोथेरेपिस्टों का कहना है कि कोरोना काल में फिजियोथेरेपी मरीजों को लिए काफी कारगर साबित हो रही है. इसलिए जी एमसी में इसका कोर्स शुरू किया जाना चाहिए, ताकि स्टूडेंट को कोर्स करने के लिए दूसरी जगह ना जाना पड़े. इसको लेकर भौतिक चिकित्सा कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंपा है.
जीएमसी से 100 से अधिक डॉक्टर होते हैं तैयार
वरिष्ठ फिजियो थेरेयोथेरेपिस्ट डॉ सुनील पाण्डेय ने बताया कि गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा सेवा का महत्वपूर्ण केन्द्र है, जहां से आधुनिक चिकित्सा पद्धति के लगभग 100 से अधिक चिकित्सक प्रति वर्ष तैयार होकर निकलते हैं. इस कालेज के चिकित्सालय से लाखों रोगी चिकित्सा सेवायें प्राप्त करते हैं. कि न्तु इस कॉलेज में फि जियोथेरेपी पाठ्यक्रम संचालित नहीं है. अत: गांधी मेडिक ल कॉलेज भोपाल में फि जियोथेरेपी पाठ्यक्रम प्रारंभ कराने की नितान्त आवश्यकता है.
इस लिए जरूरी है फिजियोथेरेपी
1-वर्तमान आधुनिक युग में खेल के मैदान से लेकर गहन चिकि त्सा इकाई तक एवं नवजात शिशु से लेकर बृद्धावस्था की गंभीर समस्याओं की चिकित्सा में फि जियोथेरेपी कारगर साबित हुई है.
2- आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत जटिल से जटिल सर्जरी, हड्डियों की टूटफ ूट, खेल के मैदान में खिलाडिय़ों को आने वाली चोटों तथा मांसपेसियों, जोडों एवं न्यूरो तंत्र से संबंधित समस्याओं में कारगर.
3- कोरोना संक्रमणकाल में संक्रमित रोगियों की क्रिटिकल स्थितियों में रोगियों की जीवन रक्षा के क्षेत्र में फि जियोथेरेपी किसी संजीवनी से कम नहीं रही. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फि जियोथेरेपी की प्रभावी उपयोगिता को दृष्टिगत सभी चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है.
4- प्रदेश में वर्तमान में शासकीय मेडिकल कॉलेज इन्दौर एवं शासकीय मेडिकल कालेज जबलपुर में फि जियोथेरेपी पाठ्यक्रम संचालित हैं, इन कॉलेजों के ही समान गांधी मेडिकल कालेज भोपाल सहित प्रदेश के समस्त शासकीय मेडिकल कालेजों में शुरू होना चाहिए