उपार्जन केन्द्र बघवार में 193 क्विंटल धान की हेराफेरी उजागर

पोर्टल में फीडिंग न होने से सैकड़ों किसानों का भुगतान अधर में लटका, जांच में कम मिली खरीदी गई धान

सीधी : जिले के रामपुर नैकिन तहसील अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र बघवार के नित नये-नये कारनामें सामने आ रहे है। धान खरीदी केन्द्र का संचालन कर रही हनुमत महिला स्वसहायता समूह की लापरवाही एवं घोटाला के चलते सैकड़ों किसानों का भुगतान अधर में लटक गया है।
विभागीय सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी केन्द्र बघवार से वेयर हाउस जिन किसानों की धान भेजी गई उसमें 95 क्विंटल धान कम पाई गई। जो वेयर हाऊस के द्वारा पोर्टल में दर्ज करा दिया गया था। इसके अतिरिक्त 29 क्विंटल 70 किलो धान के बोरो में भूसी एवं बालू पाने जाने पर अमानक कर दिया गया था। इतना ही नहीं उक्त धान खरीदी केन्द्र से वेयर हाऊस भेजी गई 68 क्विंटल 40 किलो धान अन्य कारणों से अमानक पाई गई। उक्त खरीदी केन्द्र की कुल 193 क्विंटल धान के मामले का जब तक समाधान नहीं होगा, तब तक किसानों का पैसा खाते में नही आयेगा।

बताया गया है कि किसानो द्वारा खरीदी केन्द्र में दी गई धान की मात्रा को जब तक वेयर हाउस एवं उसमें तैनात सर्वेयर द्वारा पोर्टल में दर्ज नहीं कर दिया जाता। तब तक किसानों का भुगतान खाद्य आपूर्ति विभाग से नहीं किया जाता। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिसम्बर माह में वेयर हाउस में भेजी गई धान 95 क्विंटल कम पाई गई। जिसकी जानकारी किसान वार पोर्टल में फीड कर दिया गया था। इसी तरह धान खरीदी केन्द्र बघवार की अमानक धान का पूरा विवरण पोर्टल में दर्ज किया जा चुका है। यदि वेयर हाऊस में रखी धान अमानक पाई जाती है तो उसकी वसूली उस कम्पनी की होती है जिस कम्पनी के द्वारा वेयर हाउस के लिए सर्वेयर नियुक्त किये जाते हैं।

किसानों द्वारा खरीदी केन्द्र में दी गई धान को वेयर हाऊल में रखा जाता है और बाद में वेयर हाउस में रखी धान को धान मील में दराई के लिए भेज दिया जाता है। धान की मील में जिस वेयर हाऊस की धान वजन में कम पाई गई या फिर अमानक पाई गई तो सीधे कार्यवाही संबंधित वेयर हाउस पर होती है। इस कारण वेयर हाऊस में धान स्टोर करने के पूर्व सर्वेयर अच्छी तरह से जांच-परख करते है। उक्त मामले में कार्यवाई आरबी एसोशिएट द्वारा पूर्व में ही की जा चुकी है। धान के मानक का परीक्षण करने वाली कम्पनी आरबी एसोशिएट भोपाल के रिजनल कोआर्डिनेटर एवं सतना-सीधी के सर्वेयरों के द्वारा खरीदी केन्द्र बघवार की अमानक धान का परीक्षण कर 13 प्रतिशत धान को अमानक पाया था। जिसकी रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी जा चुकी है। इस पूरे मामले में दोषियों पर क्या कार्यवाही हेती है यह आने वाले समय पर पता चलेगा। किन्तु जिन किसानों ने दिसम्बर के बाद अपनी धान खरीदी केन्द्र बघवार में विक्रय की थी उनका भुगतान अधर में लटक सकता है।

धान बिक्री की रही दी जाती थी रसीद
बघवार धान खरीदी केन्द्र में खुलेआम किसानो की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जाता था। ऐसा ही एक मामला ग्राम चोरगड़ी के किसान श्रवण तिवारी पिता स्व.इंद्रमणि तिवारी का सामने आया है। इस संबंध में किसान श्रवण तिवारी ने बताया कि हमें 28 दिसम्बर को मैसेज आया तो मैं 29 दिसम्बर को धान खरीदी केन्द्र बघवार जाकर 72 बोरा 28 क्विंटल 80 किलो धान बिक्री किया। मेरा समय 4 जनवरी तक था। 5 जनवरी तक जब नाम पोर्टल में नहीं दिखा तो मैं 6 जनवरी को जानकारी लेने बघवार धान खरीदी केन्द्र गया तो हनुमत महिला स्वसहायता समूह के द्वारा यह कह दिया गया कि आपका समय 4 जनवरी तक था किन्तु आपकी धान पोर्टल में नहीं चढ़ पाई और एक सादे कागज में समूह के द्वारा लिख कर दिया कि 72 बोरा धान मेरे पास जमा है।

उन्होंने बताया कि 29 दिसम्बर को धान तौल कराने के बाद जब मैं रसीद मांगा तो यह कह दिया गया कि रसीद तुरंत नही मिलती 4 जनवरी के बाद मिलेगी। जबकि धान तौलने के साथ ही पूरा विवरण तत्काल पोर्टल में दर्ज कर किसानों को रसीद दिये जाने का प्रावधान है। किसान को धान देने के 8 दिन बाद यह कह देना कि आपकी धान पोर्टल में दर्ज नही हुई है। आपकी धान मेरे पास रखी है। ऐसी स्थिति में किसान कहां जाये और क्या करे। श्रवण तिवारी ने कहा कि मेरे जैसे करीब 24 किसान ऐसे है जिन्हें धान देने के बाद भी बिक्री पक्की रसीद नही दी गई है। हनुमत समूह के संचालको की लापरवाही के कारण आज धान बिक्री करने के बाद भी किसान दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। बताया गया है कि घोटाला और किसानों के साथ धोखाधड़ी करने के बाद महिला स्वसहायता समूह के लोग बचने के लिए राजनीतिक शरण लेने का प्रयास कर रहे हैं और विभागीय अधिकारियों पर दबाब बनाने की कोशिश कर रहे है। किन्तु सब कुछ इतना आसान नहीं है। अब किसान खुलकर सामने आने लगे है।

इनका कहना है
धान खरीदी केन्द्र बघवार मे हुई लापरवाही के दोषियों को बख्सा नही जायेगा और धान के बोरो में बूसी व रेत कहां से आये, इसके लिए कौन जिम्मेदार है सब पता लगाया जा रहा है। खरीदी केन्द्र का संचालन अजीविका की महिला स्वसहायता समूह के द्वारा किया जा रहा है। इन कारण विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी।
साकेत मालवीय, कलेक्टर सीधी

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