साईबर अपराधियों की नजर में पेंशनर भी, सावधान रहने की जरूरत

पन्ना : ऐसी जनचर्चा है कि अब साईबर अपराधी पेंशनरों के पीछे पड रहे हैं जब से पेंशनरों के जीवित होने का प्रमाण आनलाईन जारी करने के नियम व निर्देश बने हैं तब से इस तरह के मामले अधिक आ रहे हैं। इसलिए इस मामले में शासन द्वारा समय मसय पर एडवाईजरी भी जारी होती रहती है बताया जा रहा है कि इस समय पर साईबर अपराधी पेंशनरों को टारगेट कर रहे हैं उनका डाटा वे प्राप्त कर लेते हैं और फिर जीवन प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर ओटीपी साझा करने की कोशिश करते हैं। बस इस ओटीपी के बाद साईबर अपराधी पेंशनर के खाते तक सेंध लगाने में सफल हो जाता है और चंद समय में खातों की राशि वह गायब करने में सफल हो जाता है.

वर्तमान समय में डाटा हैक करना, डाटा चोरी करना और सुनियोजित तरीके से किसी भी सरकारी विभाग या एजेंसी का डाटा प्राप्त करने की भी साजिश हो रही है साईबर अपराधी यही कर रहा है बताया जा रहा है कि जब पेंशनरों की जानकारी आनलाईन हुई है तब से उनका पूरा डाटा पोर्टल पर उपलब्ध मिल जाता है। जिसमें नियुक्ति दिनांक पीपीओ नम्बंर, आधार नम्बडर एवं सेवानिवृत्ति की तिथि आदि सब कुछ उपलब्ध रहता है चूंकि पेंशनरों अपने बुढापे के दौरान सोचता है कि उसे कोई ऐसा विकल्प मिल जाये जिससे बिन कहीं आये गये काम हो जाये तो वह किसी पर भी विश्वास भी कर लेता है

साईबर अपराधी भी इतना चालाक होता है कि वह पेंशन निदेशालय का हवाला देकर पेंशनर को अपने जाल में फंसाता है इसके बाद तो खेल हो जाता है इसलिए इस मामले में चेतावनी दी गई है कि पेंशन निदेशालय द्वारा किसी भी पेंशनर का जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए काल नहीं किया जाता और न ही आनलाईन जीवन प्रमाण पत्र ही अपडेट किया जाता है। कोरोना काल में जीवन बीमा कराने वालों की संख्या में तेजी से बढोत्तरी हुई है। इस मामले में साईबर जालसाजों ने जाल बिछा दिया है। वह बीमा पॉलिसी कराने का ऑफर देते हैं और फिर ठगी करते हैं भारतीय बीमा बिनियामक एवं विकास प्राधिकरण ने सर्कुलर जारी कर सभी बीमा कंपनियों को सचेत किया है साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है।

फोन या मैसेज से खेलः- मिली जानकारी के अनुसार ठग लोगों को फोन के माध्यम से या मैसेज कर बीमा कराने की बात कह रहे हैं। लोगों को झांसे में लेने के बाद लाखों की चपत लगा रहे हैं ठग सबसे ज्यादा बुजुर्ग और किसानों को निशाना बना रहे हैं। ऐसी शिकायतें भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के पास लगातार आ रही हैं। इसे देखते हुए सुर्कुलर जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को सजग रहने की जरूरत है। जालसाज ठगी के लिए नई नई तरकीब अपना रहे हैं। इसलिए लोगों को सचेत किया जा रहा है कि फोन पर किसी भी व्यक्ति के कहने पर बीमा मे निवेश न करें। निवेश करने पर जिस बैंक खाते में रकम जमा कर रहे हैं, उस खाते की पहले जांच कर ले कि खाता कंपनी का है या किसी अन्य व्यक्ति का। किसी व्यक्ति के खाते में रकम बिल्कुल जमा नहीं करायें।

इसके अलावा बडे बडे होटल में बुकिंग, ऑनलाईन बुकिंग पर खाने का ऑफर, सामान शिफ्ट करने, कोरियर सेवा देने सहित अन्य तरीकों से भी ठगी की जा रही है। इसके लिए ठग ग्राहक को 10 रूपये या उससे भी कम पैसे जमा करने के एक लिंक भेजकर ऑनलाईन बुकिंग के लिए बोलते हैं। जैसे ही बुकिंग के लिए पैसे जमा किया जाता है ठग खाते से पूरे पैसे पार देते हैं। इस तरह से हो सकता है बचावः- बचाव के संबंध में जरूरी है कि फोन पर कोई अधिकारी होने का दावा कर रहा हो तो उसके कहने पर किसी भी नंबर पर मैसेज न करें। किसी के साथ क्रेडिट, डेबिट कार्ड की डिटेल न शेयर करें, न ही किसी को ओटीपी बताएं। आर्डर नंबर के साथ लिंक शेयर न करें। आपका मोबाइल नंबर किस बैंक से लिंक है न बतायें। फोन पर आई किसी भी लिंक को ओपन न करें। सोशल मीडिया पर कोई पैसे मांगता है तो सावधान रहें। इस तरह से सजग रहने से आनलाईन ठगी से बचा जा सकता है।

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