खास बातें
- कांग्रेस ने विधायक मधु भगत को घोषित किया उम्मीदवार
- लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर कांग्रेस का कब्जा
- भाजपा की तरफ है पवार समाज का झुकाव
- क्षेत्र में बूथ स्तर पर भाजपा मजबूत
प्रकाश दुबे
बालाघाट, मध्यप्रदेश के दक्षिण-पूर्व में स्थित बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट क्रमांक 15 के लिए लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने सभी तरह के अनुमान और गणनाओं को दरकिनार करकर परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 110 से विधायक रहे मधु भगत को अपना उम्मीदवार घोषित करके संसदीय क्षेत्र में पंवार समाज के वोटों को अपने पक्ष में करने के दृष्टिकोण से उन पर दांव खेला है.इसमें कांग्रेस कितनी सफ ल होगी यह तो आने वाला 23 मई का परिणाम बताएगा.
वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव 2018 के परिणामों पर नजर दौड़ाए तो हम पाते है कि यहां पर 8 में 5 सीट कांग्रेस एवं 3 सीट पर भाजपा के विधायक है. आठों सीट पर विधानसभा चुनाव में मिले कुल मतों पर नजर दौडाएं तो हम देखते है कि भाजपा को कुल 559716 मत मिले वहीं कांग्रेस को निर्दलीय वारासिवनी सीट के साथ कुल 553115 मत मिले. इस तरह से भाजपा कांग्रेस से 6601 मत से आगे रही.
वहीं समाजवादी पार्टी ने दो सीट पर 93609 मत लिए. कांग्रेस इस संसदीय क्षेत्र पर 1991 से 2009 पवार समाज के व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाती रही परन्तु पूरा निष्पक्ष आंकलन किया जाए तो इस बात को कहने में कोई संकोच नहीं है कि बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र में पवार समाज का झुकाव कांग्रेस से ज्यादा भाजपा की तरफ है. फि र भी कांग्रेस को भरोसा है कि पवार समाज का उम्मीदवार ही यहां लोकसभा में जीत सकता है.
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नान पवार, मरार समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली हीना कावरे को चुनावी मैदान में उतारा और मोदी लहर में इस युवा उम्मीदवार ने पहली बार चुनाव लड़ते समय 384182 मत प्राप्त किए इस सीट पर किसी कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा 70 साल में लिए गए सबसे ज्यादा मत थे. भले ही वह चुनाव हार गई लेकिन भाजपा को कड़ी टक्कर देने में वह सफ ल रही.
इस संसदीय क्षेत्र में पूर्व कृषि मंत्री एवं वर्तमान विधायक गौरीशंकर बिसेन जो भाजपा के महाकौशल में कद्दावर नेता माने जाते है. जिन्होंने सात विधानसभा और 02 लोकसभा जीते एवं 10 साल मंत्री रहें.पवार समाज के सर्वमान्य नेता है और समाज के साथ दिगर समाज में भी इनकी मजबूत पकड़ जगजहीर है. भाजपा के प्रति पवार समाज झुकाव का एक बहुत बड़ा कारण बिसेन के नेतृत्व को भी माना जाता है. इसलिए भगत के आ जाने से पवार समाज उनके साथ आकर खड़ा हो जाएगा इसमें संदेह है.
2009 में पवार समाज के दो नेता आमने सामने थे, कांग्रेस के विश्वेश्वर भगत एवं भाजपा से के.डी. देशमुख. परन्तु इस लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र के पवार समाज का शत प्रतिशत समर्थन भाजपा के देशमुख के साथ गया और उन्होंने 299959 मत प्राप्त करके कांग्रेस के भगत 259140 मत को पराजित करे परिसीमन के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में 2 जिलों का सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया.