चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी को संयुक्त संचालक जीएन अग्रवाल के बंगले पर काम करने किया जा रहा मजबूर
- आयोग तक पहुंचा मामला
नवभारत न्यूज भोपाल, साहब, मैं आदर्श आईटीआई भोपाल में कार्यरत हूं. मुझे सिर्फ प्राचार्य के मौखिक आदेश पर अतिरिक्त संचालक रजनीश अग्रवाल के बंगले पर काम करने भेजा गया.न तो मुझे कोई लिखित आदेश दिया गया, न ही मुझे शासकीय अवकाश दिया जाता है.मैं जब भी साहब से कहती हूं कि मुझे बंगले का काम नहीं करना है तो वह कहते हैं कि अगर ऑफिस जाओगी तो तुम्हे नौकरी से निकलवा दूंगा.
यह फरियाद राजधानी के गोविंदपुरा स्थित आदर्श आईटीआई कीे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रीना भारती ने मानवाधिकार आयोग में दिए अपने लिखित आवेदन में लगाई है. आवेदिका ने बताया कि वह पिछले चार सालों से अतिरिक्त संचालक अग्रवाल के आवास पर रसोई, बर्तन, कपड़े सहित घर के सभी काम रही हैंं.
यही नहीं, स्वास्थ्य ठीक न होने पर भी उन्हे काम करने को मजबूर किया जाता है. वह जब भी विभागीय अधिकारियों के पास शिकायत लेकर अपनी ड्यूटी ऑफिस में लगवाने का निवेदन करती हैं तो अधिकारी कहते हैं कि बड़े साहब का मामला है हम बीच में कुछ नहीं बोल सकते. मानवाधिकार आयोग में आवेदिका की अध्यक्ष या सदस्य से मुलाकात नहीं हो सकी पर आवेदन लेकर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. इधर अतिरिक्त संचालक जी.एन अग्रवाल इस बात से साफ इंकार कर रहे हैं कि महिला उनके आवास पर काम करती है.
मैंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की और इंसाफ की गुहार लगाई. पर सभी अधिकारी यही कहते रहे कि तुम्हारी लड़ाई है तुम्हे खुद ही लडऩा होगा. बड़े साहब के मामले में हम कुछ नहीं कर सकते. जब हर जगह से उम्मीद खत्म हो गई तब मानवाधिकार आयोग में फरियाद लगाई.
-रीना भारती, आवेदिका
नियमानुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी से अधिकारी अपने घर का काम नहीं करा सकते. महिला कर्मचारी को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए.
-उमाशंकर तिवारी, प्रदेश सचिव, शासकीय कर्मचारी संघ
महिला कर्मचारी के आरोप गलत हैं. मेरे आवास पर वह काम नहीं करतीं.
-जी.एन. अग्रवाल, अतिरिक्त संचालक आदर्श आईटीआई
सभी कर्मचारियों से ऑफिशियल काम ही कराए जाते हैं. मैं शहर के बाहर था, इस तरह के किसी मामले की जानकारी फिलहाल नहीं है. कल बता पाऊंगा.
-आरके ऑस्टिन, प्राचार्य आईटीआई गोविंदपुरा