मुंबई. राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए अब दो महीने से कम का समय रहा गया है, लेकिन प्रदेश व मुंबई कांग्रेस बिना कप्तान के काम कर रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अशोक चव्हाण के इस्तीफे का डेढ़ महीने से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक नए अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है . मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे के बाद स्थिति और विकट हो गई है. इन वजहों से राज्य में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी तरह से खटाई में पड़ गई है .
चव्हाण और थोरात की जंग: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अशोक चव्हाण के इस्तीफे के बाद विधानसभा में विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. अध्यक्ष पद पर आसीन होने के लिए थोरात ने पार्टी हाई कमान के पास अच्छी फील्डिंग लगाई है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे की वजह से पूरा मामला लटका हुआ है.
गुटबाजी चरम पर: प्रदेश और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद पर फैसला नहीं होने से पार्टी के अंदर गुटबाजी चरम पर है. मुंबई कांग्रेस के अंदर मिलिंद देवड़ा और पूर्व मुंबई अध्यक्ष संजय निरुपम का गुट पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. इस जंग की वजह से पार्टी की स्थिति और खराब हो गई है. देवड़ा और निरुपम गुट के नेता एक दूसरे पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
इस्तीफा नहीं हो मंजूर: मुंबई अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद मिलिंद गुट के नेताओं ने राज्य प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे को पत्र लिख कर उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं करने की अपील की है. जबकि दूसरी ओर निरुपम एक बार फिर मुंबई अध्यक्ष पद को हथियाने के लिए अपना तिकड़म लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी देवड़ा और निरुपम समर्थक नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है. कुछ कार्यकर्ता मिलिंद का समर्थन करते हुए उन्हें इस्तीफा वापस लेने की अपील रहे हैं, जबकि निरुपम समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं.
हार से सबक नहीं: राज्य में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भी कांगेस के नेता इससे सबक लेने के लिए तैयार नहीं हैं. प्रदेश कांग्रेस में अराजकता का माहौल ऐसे समय में बढ़ रहा है, जबकि पड़ोस के राज्य गोवा के 10 कांग्रेसी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं, वहीं कर्नाटक में कांग्रेस – जेडीएस की सरकार डूबने के कगार पर है.
हमारी तैयारी जारी है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अशोक चव्हाण और मुंबई अध्यक्ष से मिलिंद देवड़ा ने भले इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. दोनों नेता विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. जहां तक मुंबई कांग्रेस में मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम के बीच विवाद की बात है. हमारी पार्टी में लोकतंत्र है और हर नेता को अपनी बात कहने का अधिकार है. मुझे पूरा विश्वास है कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा.