समाज में नैतिकता में गिरावट और विश्वास का संकट आ चुका है. समाज का चरित्र ही अविश्वास का हो गया है. चित्रकूट में जिन दो अबोध बच्चों का अपहरण और हत्या की गयी है. उसके लिये उकसाने वाला वह व्यक्ति है- जो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था.
उस घर की माली स्थिति से परिचित था इस कांड की प्लानिंग करने वाला व्यक्ति बजरंग दल व भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा बताया जा रहा है. बच्चों का अपहरण सदगुरु पब्लिक स्कूल की बस से किया और इन जघन्य कांड में मुख्य व्यक्ति पदमकांत शुक्ला के पिता सदगुरु ट्रस्ट के पुरोहित हैं.
जाहिर है कि 6 साल की उम्र के बच्चे उस व्यक्ति के बारे में बता भी सकते थे और 12 दिन तक 6 लोगों की गैंग के साथ रहने पर उन्हें भी पहचान सकते थे. अपराधियों ने 20 लाख की फिरौती लेकर भी उन्हें मार दिया. पुलिस का अनुमान भी सही है कि उन्हें बच्चों को मारना ही था क्योंकि उनके ट्यूटर ने इस कांड को कराया था.
अब किसी पर भी भरोसा करना कठिन है. भोपाल में एक मेहता दम्पति के घर दो लोग घर पुताई के लिये रखे गये और कुछ दिन बाद ही इन्हीं पुताई वालों ने मेहता दम्पति की लूट के लिये हत्या कर दी. समाज की अवनति चरम सीमा पर पहुंच गयी है. अपराध सबसे सरल सुगम रोजगार बन गया है.