ग्वालियर एयर बेस से उड़े भारतीय वायुसेना के 12 मिराज जेट विमानों ने पाक अधिकृत काश्मीर में जैशे मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग केन्द्र और 6 अन्य आतंकी केंद्रों को चंद मिनटों में ही धूल में मिला दिया.जैशे मोहम्मद ने 12 दिन पहले हुए पुलवामा में सी.आर.पी.एफ. के वाहन दस्तों पर हमले की जिम्मेवारी ली थी. इस चुनौती का जवाब उसे 26 फरवरी की सुबह दे दिया गया.
भारत सरकार की तरफ से विदेश मंत्री श्री विजय गोखले ने कहा है कि बालाकोट पर कार्यवाही भारत की ‘‘नान मिलीट्री प्री एम्पटिड स्ट्राइक’’ है. भारत को गुप्तचर सूचना मिली थी कि पुलवामा हमले से उत्साहित वह भारत पर और बड़े आतंकी हमलों की योजना बना रहा था. उसे इससे पहले मार दिया गया. बालाकोट हमले में लगभग 300-400 जैशे मोहम्दम के आतंकी मार दिये गये हैं.
बालाकोट में जैशे मोहम्मद का आधार केम्प 6 एकड़ में फैला था. बालाकोट एब्टाबाद से 64 किलोमीटर दूर है. जहां 2011 में अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारा था.
अमेरिका, रूस और फ्रांस ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपने देश में आतंकियों को पनाह न दे और उनसे दूसरे मुल्कों में हमले न कराये. चीन ने कहा कि दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए और वह भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की तरफ नहीं जायेगा.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश सुरक्षित हाथों में है और मैं देश को मिटने, रुकने और झुकने नहीं दूंगा.
भारत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने अमेरिका, रूस, चीन, बंगलादेश, अफगानिस्तान और सिंगापुर के विदेश मंत्रियों से बात की और उन्हें बालाकोट कार्यवाही से अवगत कराया.
पाकिस्तान की तरफ से पड़ोसी अफगानिस्तान में भी आतंकी हमले किये जा रहे है. भारत की मोदी सरकार ने अब यह नीति अपनायी है कि काश्मीर पर पाकिस्तान से कोई बात नहीं करनी और अब आतंकवाद का जवाब में काश्मीर में ‘आल आऊट’ आपरेशन से उनका सफाया किया जायेगा और पाकिस्तान में उनके अड्डों पर हमला होगा. पाकिस्तान में आतंकियों के ट्रेनिंग कैम्प लगातार बढक़र 55 हो गये हैं.
पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री बन गया है. पाकिस्तान के पंजाब राज्य में बहावलपुर में जैशे मोहम्मद का मुख्यालय है. पाकिस्तान के बिम्बटा, बकरियाल, बालाकोट, चावरी, कटली और मंगला में आतंकी केंद्र बने हुए हैं. पाकिस्तान की सेना इन्हें अपनी सहायक (आग्झेलरी) सेना मानती है. उसकी यह नीति है कि जब तक वह उसे पूरा काश्मीर नहीं मिल पाता पर वह आतंकी कार्यवाहियों और काश्मीर के आतंकियों को फंड देता रहेगा. मोदी सरकार की नीति है कि अब काश्मीर की समस्या का समाधान फौजी कार्यवाहियों में ही किया जायेगा.
अगर पाकिस्तान अब भी आतंकी हमले बंद नहीं करता तो भारत-पाकिस्तान युद्ध अवश्यंभावी है.