दिल्ली. जम्मू – कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए की समाप्ति के बाद महीना पूरा होते समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में शांति बहाली और विकास प्रक्रिया शुरू करने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है. इसके तहत शाह ने यहां मंगलवार को वहां के पंचों-सरपंचों, फल उत्पादकों व व्यापारियों के सौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.
शाह ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिया कि आने वाले दिनों में वहां संचार व्यवस्था बहाल हो जाएगी और स्थितियां सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा. इसलिए इस विषय में किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार पर भरोसा नहीं करना चाहिए. शाह ने इसके बाद भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अपने संपर्क अभियान की शुरुआत करते हुये सबसे पहले यहां जम्मू- कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की.
प्रतिनिधिमंडल ने 370 हटाने संबंधी साहसिक कदम के लिए शाह को बधाई दी. गृहमंत्री ने इस मौके पर सरपंचों से कहा, आप ही अब जम्मू कश्मीर के नेता हैंं और आपको ही व्यवस्थाओं को लोगों तक ले जाना है. अब गांव की हुकूमत गांव के पास आ गई है. इसलिए सुधार से संबंधित सभी काम सरपंचों को करने हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की 85 योजनाएं हैं, जिसमें वृद्धावस्था पेंशन, विधवा सहायता योजना व मातृत्व सहयोग जैसी आम जनता के लाभ की योजनाएं हैं.
उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां सरकारी सेवाओं में भर्ती शुरू होगी और प्रत्येक गांव से कम से कम 5 लोगों को नौकरी दी जाएगी. शाह ने फल उत्पादकों व व्यापारियों से कहा कि उन्हें फसलों की सही कीमत मिले. इसके लिए देश में कृषि क्षेत्र के लिए जो योजनाएं बनी हैं, उन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा.
प्रतिनिधिमंडल में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 22 पंच व सरपंच भी शामिल थे. बैठक में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, गृह सचिव वीके भल्ला व अन्य अधिकारी उपस्थित थे. सूत्रों ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब वहां सभी पंचों और सरपंचोंं को दो लाख का बीमा कवर दिया जाएगा और उनकी सुरक्षा के लिए प्रबंध किए जाएंगे.
बैठक के बाद शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 91 वर्षीय जगमोहन के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. ज्ञात हो कि जगमोहन के राज्यपाल रहते समय कश्मीरी पंडितों को घाटी से निकाल कर लाने में उनकी प्रमुख भूमिका थी. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं.