(विंध्य की डायरी)
विनोद तिवारी
खास बातें
एक दूसरे को ही निपटाने में लगे कांग्रेस के क्षत्रप
सतना लोकसभा क्षेत्र में जी जान से सक्रिय थे अजय
स्क्रीनिंग कमेटी ने सतना के पैनल से नाम हटाकर सीधी में डाला
विन्ध्य में लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए पार्टी हाईकमान चाहे जितनी रणनीति बनाए लेकिन कांग्रेस के क्षत्रप एक दूसरे को ही निपटाने में लगे हुए हैं. इस कारण नित नए समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल अपनी परम्परागत विधानसभा सीट हारने के बाद सतना लोकसभा क्षेत्र में जी जान से सक्रिय थे. उनके समर्थकों में भी भारी उत्साह था लेकिन दूसरे छत्रप पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डा. राजेन्द्र कुमार सिंह ने ऐसा धोबी पाट दांव मारा कि स्क्रीनिंग कमेटी ने सतना के पैनल से अजय सिंह राहुल का नाम हटाकर सीधी के पैनल में डाल दिया . इससे आहत अजय सिंह राहुल का दर्द सोशल मीडिया में एक बार फिर छलक गया और उन्होंने कहा कि मैं फुटबाल हूं.
जब मैं 2014 में सीधी से लोकसभा चुनाव लडऩा चाह रहा था तब सतना से प्रत्याशी बना दिया गया और जब 2019 के लिए सतना से चुनाव लडऩे की तैयारी कर लिया था तो अब सीधी से चुनाव लडऩे को कहा जा रहा है.
काबिले गौर बात यह है कि राहुल भइया के दिल का दर्द ऐसा ही विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी छलका था तब उन्होंने कहा था मैं तो अपनों को चुरहट की जिम्मेदारी देकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए प्रदेश भर में घूम रहा था लेकिन मेरे अपने ही जिम्मेदारी नहीं निभा पाए. राहुल भइया ने आगे बात को संभालते हुए कहा कि मैं तो कांग्रेस का समर्पित सिपाही हूं पार्टी जहां से जो भी जिम्मेदारी देती रही है आगे देगी उसको ईमानदारी से निभाता रहूंगा.
कांग्रेस की अन्दरूनी राजनीति के शिकार हो गए गौर
सतना के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर का तबादला भोपाल कर दिया गया है वैसे तो यह तबादला कानून व्यवस्था न संभाल पाने और बढ़ते अपराधों को लेकर किया गया है लेकिन चित्रकूट के दोहरे हत्याकांड के मुद्दे को जिस तरह से पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने उनका आवास घेर कर निलम्बन की मांग उठाई और रहिकवारा में मासूम के अपहरण और हत्या के बाद तत्काल मप्र के मुख्य चुनाव प्राधिकारी भोपाल से एसपी गौर को हटाने की मांग किया उससे लगता है कि एसपी गौर कांग्रेस की अन्दरूनी गुटबाजी का शिकार हो गए. क्योंकि कांग्रेस का एक गुट चाहता था कि लोकसभा चुनाव तक गौर सतना में ही रहें लेकिन लगातार हो रहे अपराधों से कांग्रेस के दूसरे गुट को मौका मिल गया और वे अपने मंसूवों में सफल हो गया.
सहानुभूति का लाभ उठाएगी कांग्रेस
अचानक हार्ट अटैक से विन्ध्य में कांग्रेस के दिग्गज नेता सुन्दरलाल तिवारी के निधन से राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं अभी तक कांग्रेस की रणनीति रीवा से पिछड़े वर्ग को लड़ाने की थी लेकिन अब कांग्रेस सहानुभूति लहर का लाभ उठाने के लिए तैयारी में हैं और स्व. सुन्दरलाल तिवारी के पुत्र सिद्धार्थ तिवारी को राजनीति में लाकर लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. अब इसका कितना फायदा कांग्रेस को मिलेगा यह तो 23 मई को परिणाम आने पर ही पता चलेगा.
कर्ज माफी की पेंच
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफी का वायदा करके सत्ता तो हासिल कर लिया है लेकिन कर्जमाफी में नितनई अड़चने सामने आ रही हैं. इससे लोकसभा चुनाव में इसका कितना फायदा मिलेगा यह तो समय ही बताएगा. सरकार ने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र तो बांट दिये हैं लेकिन बैंक इन प्रमाण पत्रों को मानने के लिए तैयार नहीं है. बैकों का कहना है कि जब तक खाते में पूरी राशि आ नहीं जाती एनओसी नहीं देंगे.
बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद
विन्ध्य में इस बार प्राकृतिक आपदाओं से किसान बेहाल हो रहा है. अल्पवर्षा के बाद, पाला से तबाह फसलों से किसान उबर भी नहीं पाया था कि मार्च महीने में जब रबी सीजन की फसलों को काटने की तैयारी थी तब बेमौसम बरसात, आंधी, तूफान एïवं ओलावृष्टिï से फसलों को भारी क्षति पहुंची है.