यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में लिया गया एक भारत- श्रेष्ठ भारत का संकल्प
भोपाल, नेहरू युवा केंद्र संगठन भारत सरकार द्वारा राजधानी भोपाल के मप्र जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) में चल रहे 15 दिवसीय अंतरराज्यीय युवा आदान- प्रदान कार्यक्रम का समापन गुरुवार को किया गया.
इसमें मुख्य अतिथि के रुप में संचालक खेल एवं युवा कल्याण विभाग मप्र शासन एस.एल थाउसेन, विशिष्ट अतिथि संचालक वाल्मी उर्मिला शुक्ला, पत्रकार दीप्ति चौरसिया, प्रो.विवेक भट्ट, निदेशक टीएन मिश्रा, प्रशासनिक अधिकारी वाल्मी उमेश शर्मा उपस्थित रहे.
मुख्य अतिथि एस.एल थाउसेन ने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में जो एक बार आता है वो यहीं का हो जाता है यहां किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता. मध्य-प्रदेश जनजातीय जीवन से परिपूर्ण होने के कारण यहाँ की संस्कृति विविधतापूर्ण है.
पूर्वोत्तर राज्यों में 165 से अधिक जनजातियां निवास करती हैं. इनकी वेशभूषा, खानपान और भाषा में विविधता इन राज्यों को अलग-अलग रंग देती है. पूर्वोत्तर में रहने वाली ज्यादातर जनजातियां जाति आधारित भेदभाव से मुक्त हैं. जहां देश के दूसरे हिस्सों में अब भी इस तरह के भेदभाव व्याप्त हैं, वही पूर्वोत्तर में सामाजिक समानता को विशेष महत्व दिया जाता है.
इसके अलावा यह राज्य दहेज जैसी कुप्रथा से भी दूर हैं. प्रकृति के कई वरदानों से नवाजे गए मणिपुर, नागालैण्ड राज्य अपनी विशेषताओं के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. युवा जब इस प्रकार के आदान-प्रदान कार्यक्रम में सहभागी होते हैं तो वह भारतीय सहिष्णुता से भी परिचित हो पाते हैं. समरसता का भाव ही श्रेष्ठ भारत की संकल्पना है. अंत में थाउसेन ने कहा कि मैं स्वयं नार्थ ईस्ट से हूं और मध्यप्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहा हूं. वर्तमान में नागालैंड के डीजीपी जॉन लोंग कुमार हैं वह मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं.
इस अवसर पर संत हिरदाराम महाविद्यालय की 50 छात्राएं एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मीनाक्षी, डॉ.वर्षा लेखापाल प्रदीप देशमुख, जेके गुप्ता, कार्यक्रम समन्वयक संजय नागर, देवेन्द्र वर्मा उपस्थित रहे एवं राहुल तिवारी, आशुतोष मालवीय, अतुल सिंह, राहुल सेन, कृष्णा यादव, राकेश प्रजापति, आफऱीन, दुर्गा, अमृता, आयुषी, मधु, अंजना ने विशेष सहयोग किया.
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा
विशिष्ट अतिथि पत्रकार दीप्ति चौरसिया ने कहा कि भारत में विविधता होने के बाद भी कहीं ना कहीं हम दिल से एक रुप से जुड़े हुए हैं यही कारण है कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा, विश्व में कई संस्कृतियों का पतन स्वत: ही हो गया है जबकि हमारी हस्ती को कोई डिगा नहीं पाया है.
इसकी वजह हमारा सदाचार, समन्वय और एक दूसरे में सौहार्द की भावना है, हम पूर्वोत्तर में रहें या दक्षिण में रहें, मगर सदैव हमारा चिंतन राष्ट्र के लिए हो और एक भारत- श्रेष्ठ भारत के लिए हो, सरदार वल्लभभाई पटेल का सपना हम सभी युवाओं को ही साकार करना है.
देश का दिल मध्य प्रदेश
नागालैंड के प्रतिभागी सेडोहाल ने कहा कि हमें मध्य प्रदेश में आकर ऐसा लगा कि हम देश के दिल में आए हैं और इसीलिए शायद यह हृदय प्रदेश है. आप सभी को नागालैंड आने के लिए आमंत्रित करता हूं. समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया. संचालन शुभम चौहान तथा आभार डॉ. सुरेंद्र शुक्ला ने व्यक्त किया.अंत में सभी प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय एकता की शपथ ली.